Satta Matka - कब शुरू हुआ सट्टा मटका?
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दोस्तो भारत मे सट्टा मटका आजदी के पहले से शुरू हो चुका था। उस समय सट्टा मटका पारम्परिक तरीके से खेल जाता था। आज के समय जैसा कि आप सभी जानते है हमारे आस पास बहुत टेक्नोलॉजी बढ़ चुकी है इसी के कारण अब सट्टा मटका को ऑनलाइन भी खेला जा सकता है। पहले के समय मे लोग सट्टा मटका खेलने के लिए मटके का इस्तेमाल करते थे मटके के अंदर पर्चियां डाली जाती थी और उसमें से नंबर निकाला जाता था। पहले के समय मे ये मटके के कारण इसे आज भी सट्टा मटका बोला जाता है शुरुआत में कॉटन के दाम पर सट्टा खेला जाता था जो कि न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज से टेलीप्रिंट के जरिए बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज भेजा जाता था। उस समय कॉटन के शुरू होने और बंद होने के दाम पर सट्टा खेला जाता था
सन 1961 में न्यूयॉर्क एक्सचेंज ने ये प्रैक्टिस को बंद कर दिया था। फिर भारत मे सट्टा नंबर्स पर खेला जाने लगा और जैसे जैसे टाइम निकलता गया वैसे वैसे बहुत से चेंजेस के कारण ये खेल कार्ड्स में बदल गया और कार्ड्स के नंबर पर सट्टा खेला जाने लगा।
1980 ओर 1990 का जो दोर था वो सट्टा मटका बिजनेस के लिए सुनहरा दोर था सट्टा मटका की कई सारी शॉप ओपन होने लग गई और बहुत सारे लोग सट्टा मटका खेलने लगे
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